सफलता कैसे प्राप्त करें No Further a Mystery
सफलता कैसे प्राप्त करें No Further a Mystery
Blog Article
हंस और हंसिनी को भटकते-भटकते रात हो गयी, तो हंस ने हंसिनी से कहा देखो रात भी गई इसलिए हम किसी भी तरह यहाँ आज की रात बिता लेते हैं, फिर सुबह होते ही यहाँ से चले जायेंगे।
अगर आप सही जगह पर नहीं हैं, तो आपकी ताकत, कौशल और ज्ञान बेकार हैं।
वह व्यक्ति नाटक देखने के लिए वहीँ बैठ गया व देखते ही देखते वह राजमहल जाकर धन लाने की बात को भूल गया। जब नाटक समाप्त हुआ तब उसे धन वाली बात याद आयी और वह दौड़ते भागते राजमहल के पास पंहुचा अफसोस दिया हुआ समय निकल चूका था सूर्य अस्त हो चुकी थी।
Want to operate with us? Planning to share some feedback or suggestion? Have a company possibility to discuss?
bagh ki khal mein gadha Panchtantra ki kahani in Hindi
महर्षि के चेहरे पर प्रतीक्षा का भाव था
नन्ही गिलहरी ने सागर पे पुल बांधा
अंधे साधु का राज
तेनालीराम और सोने के आम – तेनालीराम की कहानी
वे तब तक टहलते रहे जब तक उन्हें एक नखलिस्तान नहीं मिला, जहां उन्होंने स्नान करने का फैसला किया। जिसको थप्पड़ मारा गया था, वह घोड़ी में फंस गया और डूबने लगा, लेकिन दोस्त ने उसे बचा लिया। डूबने से बचने के बाद उस दोस्त ने एक पत्थर पर लिखा ;
लेकिन अगर वही कोई उनके टक्कर का आदमी होता तो वे उसके साथ ऐसा करने से पहले कई बार सोचते. इसलिए हमें कभी भी किसी गरीब या लाचार आदमी से लड़ना नहीं चाहिए.
“When I was 40 a long time old, my spouse died of a uncommon liver disorder. She was 34. At time, we experienced a 10-year-outdated daughter and I was the co-operator of the silkscreen small business in San Francisco. Right after her Loss of life, I noticed there was a little something even bigger I required to do in my daily life, but had no idea what. So, I bought my half in the business to my companion and waited for direction to grasp what to do future. My spouse experienced an incredible sense of humor and, Even though there were numerous tears through the three several years of her terminal health issues, there was a great deal of laughter.
“I began off creating cakes for my Youngsters and rapidly read more understood that baking furnished me using a Imaginative outlet that had been lacking from my do the job in human sources. I started off putting up pictures of my Focus on Facebook and soon designed a substantial pursuing. Pals and mates of mates commenced asking me to make cakes for them, so I figured I should really give this a shot as a business!
मिल देखने के बाद शास्त्रीजी मिल के गोदाम में पहुँचे तो उन्होंने साड़ियाँ दिखलाने को कहा। मिल मालिक व अधिकारियों ने एक से एक खूबसूरत साड़ियाँ उनके सामने फैला दीं। शास्त्रीजी ने साड़ियाँ देखकर कहा- "साड़ियाँ तो बहुत अच्छी हैं, क्या मूल्य है इनका?"